इस शाम ने आज हर किसी की जिंदगी की दशा और दिशा बदल के रख दी थी। जिस प्रेम के विरोध में इस बंद का आह्व... इस शाम ने आज हर किसी की जिंदगी की दशा और दिशा बदल के रख दी थी। जिस प्रेम के विरो...
“ये लोग यहाँ लड़ने के लिए काफ़ी हैं, हम कहीं और से लड़ लेंगे।" “ये लोग यहाँ लड़ने के लिए काफ़ी हैं, हम कहीं और से लड़ लेंगे।"
अगला दिन सारी दुकानें, स्कूल, कॉलेज सब बंद थे। अगला दिन सारी दुकानें, स्कूल, कॉलेज सब बंद थे।
जिंदगी थम सी गई थी जिंदगी थम सी गई थी
आगे से एक बात गांठ बांध घर की ओर कदम बढ़ाया कि ऐसी जल्दबाजी से देर भली। आगे से एक बात गांठ बांध घर की ओर कदम बढ़ाया कि ऐसी जल्दबाजी से देर भली।
अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को दिन में चली जाना! ... अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को...